अभी रात है , तो डरने की क्या बात है? दिन भी निकलेगा, अंधेरे की क्या औकात है, अभी रात है , तो डरने की क्या बात है? दिन भी निकलेगा, अंधेरे की क्या औकात है,
कुछ तो कहना है तुमसे क्या कहूँ क्या छिपाऊं याद करूँ मैं तुमको या फिर से भूल जाऊँ। कुछ तो कहना है तुमसे क्या कहूँ क्या छिपाऊं याद करूँ मैं तुमको या फिर से...
पर अग़र मैं कहूँ, मैं वही जानती हूँ जो मैं मानना चाहती हूँ मैं तुम्हें पाना चाहती हूँ पर अग़र मैं कहूँ, मैं वही जानती हूँ जो मैं मानना चाहती हूँ मैं तुम्हें पाना...
आज मै पौधों से एक बात पूछता हूं, उनकी नजरों में अपनी औकात पूछता हूं। आज मै पौधों से एक बात पूछता हूं, उनकी नजरों में अपनी औकात पूछता हूं।
समय सदा बलवान, घड़ी बलवान नहीं। पल पल परिवर्तन ही इसे सुहाता है।। निकल गया जो वक्त, नहीं फिर आ... समय सदा बलवान, घड़ी बलवान नहीं। पल पल परिवर्तन ही इसे सुहाता है।। निकल गया...
वक़्त हर मुश्किल का हल है वक़्त हर घाव पर मरहम है वक़्त बिता हुआ और आने वाला कल है। वक़्त हर मुश्किल का हल है वक़्त हर घाव पर मरहम है वक़्त बिता हुआ और आने वाला ...